aadhar se bina finger ke nikal rahe hain paise

बिना उंगली लगाये निकल रहे हैं आधार कार्ड से पैसे, हो रहा है फ्रॉड

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बिना उंगली लगाये निकल रहे हैं आधार कार्ड से पैसे, हो रहा है फ्रॉड – यह बात सुनकर हर कोई परेशान हो जाता है। आज के डिजिटल युग में जहां आधार कार्ड ने हमारे लेन-देन को आसान बना दिया है, वहीं कुछ जालसाज इस सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे नकली अंगूठे के निशान बनाकर, जिनके पास आपके आधार नंबर और बायोमेट्रिक डेटा की चोरी होती है, आपके बैंक खाते से बिना आपकी अनुमति के पैसे निकाल लेते हैं। यह धोखाधड़ी खासतौर पर आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) के माध्यम से होती है, जो बिना OTP के केवल अंगूठे के निशान से पैसे निकालती है।

इस तरह के फ्रॉड में अपराधी जमीन के दस्तावेजों या अन्य अभिलेखों से अंगूठे के निशान की नकल बनाते हैं और उसे रबर या सिलिकॉन से तैयार नकली अंगूठे पर उतारकर AEPS मशीन में इस्तेमाल करते हैं। इसका उद्देश्य बिना असली बायोमेट्रिक चेकिन के आपकी मेहनत की कमाई निकाल लेना होता है। देश के कई हिस्सों जैसे बिहार, यूपी, हैदराबाद, कोलकाता से ऐसे मामलों की शिकायतें आ चुकी हैं, जहां लोग अपने खाते में से अचानक पैसे गायब होने की जानकारी पाते हैं।

इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने आधार के बायोमेट्रिक डेटा को लॉक कर लें, बैंक के हर लेन-देन का अलर्ट सतर्कता से देखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या लेन-देन की तुरंत बैंक को सूचना दें। साथ ही, अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें और वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करें ताकि आपके आधार नंबर को सुरक्षित रखा जा सके। सावधानी और जानकारी से ही हम इस तरह के डिजिटल फ्रॉड से बच सकते हैं।

आधार से पैसे निकालने वाला धोखाधड़ी : सच, खतरे और बचाव के तरीके

आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड हर भारतीय के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं बल्कि सरकारी योजनाओं, बैंकिंग, सब्सिडी, पेंशन, इंश्योरेंस, मोबाइल सिम, और कई सेवाओं की चाबी है।
आधार आधारित तकनीक ने जीवन को सरल जरूर बनाया है, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

इनमें सबसे गंभीर और डराने वाला मामला है —
बिना असली अंगूठे के निशान लगाए आधार से जुड़े बैंक खाते से पैसे निकल जाना

यह धोखाधड़ी न केवल लोगों की मेहनत की कमाई पर सीधा हमला है, बल्कि डिजिटल सुरक्षा और भरोसे पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
आइए विस्तार से समझते हैं कि यह धोखा कैसे होता है, कौन लोग इसके शिकार हो रहे हैं, और हम इससे बचाव के लिए क्या-क्या कदम उठा सकते हैं।

आधार से पैसे निकालने वाली धोखाधड़ी क्या है?

इस तरह की धोखाधड़ी प्रायः आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS – Aadhaar Enabled Payment System) के जरिए होती है।
AEPS एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें बैंक शाखा या माइक्रो-एटीएम (Micro ATM) पर केवल आधार नंबर और बायोमैट्रिक पहचान (जैसे अंगूठे का निशान) देकर पैसे निकाले जा सकते हैं।

यही सुविधा, जो दिखने में सुविधाजनक है, अपराधियों के लिए भी अवसर बन गई है।
वे असली अंगूठे के निशान की जगह नकली या क्लोन किए गए फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।
इसके लिए उन्हें पीड़ित का आधार नंबर और उसकी अंगूठे की छाप की कॉपी चाहिए होती है।

यह जालसाजी कैसे होती है? (अंगूठे के निशान की चोरी और नकल)

अपराधी कई तरीकों से लोगों के बायोमैट्रिक डेटा तक पहुंच जाते हैं –

  • सरकारी अभिलेख और जमीन के दस्तावेज़: ग्रामीण क्षेत्रों में ज़मीन का रजिस्ट्री कार्य अब भी अंगूठे से प्रमाणित होता है। अपराधी वही निशान चुरा लेते हैं।

  • आधार एनरोलमेंट सेंटर और CSC ऑपरेटर: कुछ मामलों में ऑपरेटर की मिलीभगत से डेटा चोरी होता है।

  • सोशल इंजीनियरिंग ट्रिक: किसी योजना या फर्जी योजना के नाम पर लोगों से अंगूठा लगाने को कहते हैं।

निशान चुराने के बाद अपराधी उन्हें सिलिकॉन, रबर या रेज़िन की मदद से नकली उंगलियों पर उतार लेते हैं।
इन नकली अंगूठों को AEPS मशीन पर लगाकर सिस्टम को धोखा दिया जाता है, और बैंक से सीधे नकदी निकाली जाती है।

किन जगहों पर यह धोखाधड़ी अधिक हो रही है?

हाल के वर्षों में यह अपराध खासतौर पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में देखा गया है।
कारण यह है कि वहां AEPS लेन-देन ज्यादा होते हैं और लोग बैंक शाखा जाने की बजाय नजदीकी दुकान या CSC सेंटर से पैसा निकालना पसंद करते हैं।

उदाहरण:

  • बिहार और उत्तर प्रदेश में कई मामलों में किसानों के खातों से हज़ारों रुपये AEPS फ्रॉड से निकल गए।

  • कोलकाता और हैदराबाद में पुलिस ने ऐसे गैंग पकड़े जो जमीन खरीद-बिक्री के कागजों से फिंगरप्रिंट चोरी करते थे।

आधार से जुड़ी अन्य बड़ी धोखाधड़ियां

आधार केवल AEPS फ्रॉड के लिए नहीं, बल्कि कई अन्य गलत कामों में भी दुरुपयोग हो रहा है:

  1. फर्जी बीमा दावा – किसी और की पहचान का उपयोग कर फर्जी दावा दाखिल करना।

  2. फर्जी लोन लेना – आधार और पैन कार्ड की जानकारी से धोखेबाज़ बैंक या NBFC से लोन ले लेते हैं।

  3. पहचान की चोरी (Identity Theft) – दूसरे के आधार नंबर का उपयोग कर सिम कार्ड, बैंक खाता या गैस कनेक्शन लेना।

  4. सरकारी योजनाओं में फर्जी लाभ – PM-Kisan जैसी योजनाओं से गलत तरीके से पैसा निकाल लेना।
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इस बढ़ते खतरे के कारण

  • बायोमैट्रिक डेटा का असुरक्षित रहना

  • अपर्याप्त डिजिटल साक्षरता (लोग डेटा सुरक्षा के महत्व को नहीं जानते)

  • AEPS में OTP सुरक्षा का ना होना – इसमें SMS ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती, सिर्फ फिंगरप्रिंट और आधार नंबर से लेन-देन हो जाता है।

  • ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी

कानून और कार्रवाई

भारत में बायोमैट्रिक डेटा की सुरक्षा आधार अधिनियम 2016 और आईटी अधिनियम 2000 के अंतर्गत आती है।
यदि कोई व्यक्ति आपके बायोमैट्रिक का गलत इस्तेमाल करता है, तो यह संज्ञेय अपराध है और इसके लिए सख्त सज़ा का प्रावधान है।

UIDAI लगातार चेतावनी जारी करता है कि –
“कभी भी आधार विवरण या बायोमैट्रिक किसी अजनबी या संदिग्ध व्यक्ति के साथ साझा न करें।”

अपने आधार और बैंक खाते को कैसे सुरक्षित रखें?

1. बायोमैट्रिक लॉक करें

UIDAI वेबसाइट या “mAadhaar” ऐप से अपने बायोमैट्रिक लॉक कर दें। जरूरत पड़ने पर ही इसे अनलॉक करें।

2. लेन-देन पर नज़र रखें

अपने बैंक के एसएमएस अलर्ट और ईमेल नोटिफिकेशन हमेशा सक्रिय करें और हर ट्रांजैक्शन की जांच करें।

3. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें

किसी भी अनजान व्यक्ति या गैर-अधिकृत संस्था को आधार नंबर या अंगूठे के निशान न दें।

4. वर्चुअल आईडी (VID) का उपयोग करें

असली आधार संख्या देने की बजाय UIDAI द्वारा जारी अस्थायी VID का उपयोग करें।

5. तुरंत शिकायत दर्ज करें

किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत बैंक, UIDAI और साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करें।

सरकार और बैंकों की भूमिका

  • UIDAI ने लाइव फिंगर डिटेक्शन जैसी नई तकनीकी लागू करनी शुरू कर दी है, जिससे नकली अंगूठे की पहचान हो सके।

  • RBI ने AEPS ऑपरेटरों के लिए KYC प्रक्रिया सख्त कर दी है।

  • बैंकों ने फ्रॉड अलर्ट सिस्टम और ग्राहकों को एसएमएस/कॉल के जरिए जागरूक करना शुरू किया है।

धोखाधड़ी हो जाने पर क्या करें?

  1. तुरंत बैंक से संपर्क करें और अपने खाते को फ्रीज़ करवाएं।

  2. UIDAI हेल्पलाइन नंबर 1947 पर कॉल करें और बायोमैट्रिक लॉक करें।

  3. राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।

  4. FIR दर्ज करवाकर पुलिस को मामले की जानकारी दें।

  5. RBI की गाइडलाइन के अनुसार यदि आपकी गलती नहीं है, तो बैंक को पैसा वापस करना अनिवार्य है।

सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव

आधार से जुड़ी धोखाधड़ी से बचाव केवल तकनीक से नहीं, आपके अपने सतर्क व्यवहार से भी संभव है।
याद रखें:

  • अपने कागजात सुरक्षित रखें।

  • जहां-तहां अंगूठा लगाने से बचें।

  • अपनी वित्तीय जानकारी को कभी भी सार्वजनिक न करें।

“डिजिटल सुविधा के साथ डिजिटल जिम्मेदारी भी जरूरी है।”

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